Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में बिहार के रोहतास जिले के निवासी और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन की मौत हो गई. मनीष हैदराबाद में सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे और अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे. हमले के दौरान उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए अपनी पत्नी और दो बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा, लेकिन खुद आतंकियों की गोली का शिकार हो गए.
जैसे ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू की, मनीष रंजन ने तुरंत अपने परिवार को बचाने की कोशिश की. उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को आतंकियों से विपरीत दिशा में भागने को कहा, ताकि वे हमले से बच सकें. इस बीच, आतंकियों ने मनीष रंजन को पकड़ लिया और उनके परिवार के सामने ही उन्हें गोली मार दी. लेकिन, उनकी पत्नी और बच्चे वहां से भागने में सफल रहे. बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं, लेकिन गहरे सदमे में हैं.
हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में हुआ, जहां आतंकी सेना की नकली वर्दी में आए थे. इसलिए पर्यटकों को उन पर शक नहीं हुआ. आतंकियों ने मनीष से उनका नाम पूछा और फिर उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही गोली मार दी.

मनीष बिहार के रोहतास के करगहर थाना क्षेत्र के अरुही गांव के रहने वाले थे. उनका घर सासाराम शहर के गौरक्षिणी मोहल्ले में है. मनीष तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. घटना के बाद गांव में लोग अपने बेटे के खोने का गम मना रहे हैं.
मनीष के पिता डॉ. मंगलेश कुमार मिश्र पश्चिम बंगाल के झालदा स्थित इंटरमीडिएट कॉलेज से वरिष्ठ शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वे अपने परिवार के साथ वहीं अपने बनाए मकान में रहते हैं.

बता दें कि इस हमले में कुल 27 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर 26 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है.
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