Land for Jobs Scam: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले से संबंधित उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी .
क्या है मामला?
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान रेलवे में नौकरी के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई थी, जो बाद में लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर रजिस्टर्ड कराई गई. इस कथित भ्रष्टाचार की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की जांच में जुटा है .
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
लालू यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी. उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि सीबीआई ने बिना वैधानिक अनुमति के जांच शुरू की, जो कानून का उल्लंघन है. हालांकि, हाईकोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत में आरोप तय करने की प्रक्रिया 2 जून को निर्धारित है और वहां सभी तर्क प्रस्तुत किए जा सकते हैं.

आगे की प्रक्रिया
अब यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में 2 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जहां आरोप तय करने पर बहस होगी. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सीबीआई की जांच और निचली अदालत की कार्यवाही में कोई बाधा नहीं होगी .
दिल्ली हाईकोर्ट के इस निर्णय से लालू यादव की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब उन्हें निचली अदालत में अपने बचाव के लिए मजबूत तर्क प्रस्तुत करने होंगे. यह मामला न केवल उनके राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायपालिका कितनी गंभीरता से कार्यवाही करती है.

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