Lalu Prasad Yadav News: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की कानूनी परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं. सिवान की एसीजेएम प्रथम अदालत ने वर्ष 2011 के एक पुराने आचार संहिता उल्लंघन मामले में उनकी लगातार अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है.
क्या है मामला?
वर्ष 2011 में बिहार विधानसभा उपचुनाव के दौरान, लालू यादव ने दरौंदा विधानसभा क्षेत्र संख्या 109 में राजद प्रत्याशी परमेश्वर सिंह के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था. यह सभा उस स्थान पर आयोजित की गई थी, जहां पहले से ही धारा 144 लागू थी और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध था. इसके बावजूद, लालू यादव ने ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करते हुए सभा को संबोधित किया, जिसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
कोर्ट की कार्यवाही
इस मामले में लालू यादव की कोर्ट में लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए, एसीजेएम प्रथम सिवान की अदालत ने कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि आरोपी निर्धारित तिथि पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनकी संपत्ति की कुर्की की जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई 2025 को निर्धारित की गई है.

अन्य कानूनी चुनौतियां
लालू यादव पहले ही ‘चारा घोटाले’ के मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. इसके अलावा, उन पर ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाले’ का भी आरोप है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों की जांच जारी है.
लालू यादव के खिलाफ अदालत द्वारा कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश उनके लिए एक और कानूनी झटका है. अब देखना यह होगा कि लालू यादव इस आदेश के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं और आगामी सुनवाई में क्या रुख अपनाते हैं.

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