Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड स्थित पांडेय गंगौट गांव में शहीद मनीष कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का आकस्मिक आमना-सामना हुआ. इस अवसर पर दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे को गले लगाया और हालचाल पूछा, जिससे बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म मिला.
इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गईं. हालांकि, चिराग पासवान ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, वे किसी अन्य गठबंधन में नहीं जा सकते. उन्होंने कहा, “अगर मुझे गठबंधन बदलना होता, तो मैं 2020 में ही बदल सकता था.”
चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, “तेजस्वी मेरे छोटे भाई हैं, उनके परिवार को हमेशा मैंने अपना परिवार माना है. लालू प्रसाद यादव मेरे लिए पिता जैसे और राबड़ी देवी मां जैसी हैं.”

इस मुलाकात के बाद आरजेडी की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया, जिसमें चिराग पासवान और सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखने वाला बताया गया. पोस्टर में लिखा गया, “तेजस्वी यादव ही शुद्ध देसी बिहारी, बाकी तो बाहरी हैं.” इस पोस्टर ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया.
चिराग पासवान ने यह भी संकेत दिया कि यदि पार्टी चाहेगी, तो वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, “बिहार मुझे पुकार रहा है. बिहार मेरी हमेशा से प्राथमिकता रही है. अगर पार्टी कहेगी, तो मैं विधानसभा चुनाव लड़ना चाहूंगा.”

इस मुलाकात और उसके बाद की घटनाओं से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, लेकिन फिलहाल चिराग पासवान एनडीए के प्रति अपनी निष्ठा बनाए हुए हैं. तेजस्वी यादव के साथ उनकी मुलाकात को व्यक्तिगत सौहार्द के रूप में देखा जा रहा है, न कि राजनीतिक गठबंधन के संकेत के रूप में.
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