World Blood Donor Day 2025: हर वर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन उन सभी स्वयंसेवी रक्तदाताओं को सम्मान देने के लिए समर्पित है, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया. यह दिवस लोगों में जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम भी है कि नियमित रक्तदान एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है और यह दूसरों के जीवन को बचा सकता है.
2025 की थीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा वर्ष 2025 की थीम है- ‘रक्त दें, उम्मीद दें, साथ मिलकर जीवन बचाएं’. इस थीम के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि समाज में एकता और सहयोग की भावना से ही हम जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं और रक्तदान इसके लिए एक प्रभावी माध्यम है.
रक्तदान का महत्व
भारत में हर साल लाखों लोगों को दुर्घटनाओं, सर्जरी, कैंसर, थैलेसीमिया और अन्य बीमारियों के दौरान रक्त की आवश्यकता होती है. लेकिन देश में आज भी रक्त की आपूर्ति मांग के अनुसार नहीं हो पाती. ऐसे में, नियमित और स्वैच्छिक रक्तदाता इस कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं. एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है, क्योंकि इससे प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल्स अलग की जा सकती हैं.

भ्रांतियों को तोड़ने की जरूरत
आज भी कई लोगों में यह भ्रांति है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. जबकि सच्चाई यह है कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है और इससे शरीर में कोई नुकसान नहीं होता. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, क्योंकि नया रक्त बनने की प्रक्रिया सक्रिय होती है.
सरकार और संगठनों की पहल
भारत सरकार, रेड क्रॉस सोसाइटी, एनजीओ और विभिन्न अस्पतालों द्वारा इस दिन विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है. कॉलेजों में, दफ्तरों में और समाजिक संगठनों द्वारा भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया जाता है.

विश्व रक्तदाता दिवस न केवल जागरूकता का दिन है, बल्कि यह आत्ममंथन का भी अवसर है कि क्या हम किसी की जिंदगी बचाने के लिए एक छोटा कदम उठा सकते हैं.
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