Bihar Gramin Bank Merger: पटना: भारत सरकार की ‘एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक’ नीति के तहत 1 मई 2025 से बिहार के दो प्रमुख ग्रामीण बैंकों- दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विधिवत विलय कर दिया गया है. अब ये संयुक्त रूप से ‘बिहार ग्रामीण बैंक’ के नाम से कार्य करेंगे, जिसका प्रधान कार्यालय पटना में स्थित होगा और प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक होगा.
बिहार का सबसे बड़ा बैंक
इस विलय के बाद ‘बिहार ग्रामीण बैंक’ राज्य का सबसे बड़ा बैंक बन गया है, जिसकी 2105 शाखाएं और 6500 से अधिक ग्राहक सेवा केंद्र हैं. यह बैंक बिहार के सभी 38 जिलों में लगभग 3.5 करोड़ ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करेगा.
ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?
बैंक अधिकारियों के अनुसार, ग्राहकों के खातों, जमा, ऋण और पेंशन सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. हालांकि, भविष्य में ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर, पासबुक और चेकबुक प्रदान किए जाएंगे. पुराने दस्तावेज अस्थायी रूप से मान्य रहेंगे और बैंक ग्राहकों को एसएमएस या नोटिफिकेशन के माध्यम से नई जानकारी प्रदान करेगा.

कर्मचारियों और अधिकारियों का समन्वय
विलय प्रक्रिया के तहत दोनों बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें 28 सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी और कोर कमेटी का गठन किया गया. इसका उद्देश्य कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना और बैंकिंग संचालन को सुचारु रूप से आगे बढ़ाना है.
बिहार ग्रामीण बैंक का गठन राज्य के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
यह विलय देशभर में ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पहल के तहत देश के 11 राज्यों में ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटाकर 28 कर दी गई है, जिससे बैंकिंग सेवाओं में पारदर्शिता, तीव्रता और डिजिटल सुविधाओं में वृद्धि होगी.
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