Modi Government on Caste Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 अप्रैल 2025 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. सरकार ने घोषणा की है कि आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जातीय जनगणना को भी शामिल किया जाएगा. यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही मांगों और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
पारदर्शी तरीके से होगी जाति जनगणना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जाति आधारित आंकड़ों को पारदर्शी तरीके से एकत्रित किया जाएगा. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने जाति सर्वेक्षण को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया है, जबकि मोदी सरकार इसे सामाजिक न्याय और पारदर्शिता के लिए कर रही है.
चिराग पासवान ने फैसले का किया स्वागत
इस निर्णय का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसे देशहित में अहम कदम बताया. उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी लंबे समय से मांग कर रहे थे कि देश में जाति आधारित जनगणना कराई जाए. आज यह मांग स्वीकार कर ली गई है. इसके लिए मैं देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उन्होंने पहले ही पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग की थी और इसे लागू करने का वादा किया था.

सितंबर से शुरू हो सकती है जनगणना
सरकार के अनुसार, यह जनगणना प्रक्रिया सितंबर 2025 से शुरू हो सकती है और इसे पूरा होने में लगभग दो साल का समय लग सकता है. इसका उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति को समझना और नीतियों को अधिक प्रभावी बनाना है. यह निर्णय सामाजिक न्याय, समावेशिता और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो देश के विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है.

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