Jammu Kashmir Tourism: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ देश को दहला दिया, बल्कि इलाके के पर्यटन उद्योग पर भी गहरी चोट पहुंचाई है. हमले के बाद से पहलगाम और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है. होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे, जो कुछ दिन पहले तक पर्यटकों से गुलजार थे, अब लगभग खाली हो गए हैं.
पहलगाम हर साल लाखों सैलानियों को अपनी खूबसूरती और शांति के लिए आकर्षित करता है. अप्रैल से जून तक का समय यहां पर्यटन का चरम सीजन माना जाता है. लेकिन हमले के बाद अचानक बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है. होटल संचालकों का कहना है कि हमले के अगले ही दिन से 80 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं. कई होटल मालिकों ने बताया कि जहां एक दिन पहले तक कमरे फुल थे, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है.
पर्यटन उद्योग से जुड़े हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ा है. टैक्सी चालक, गाइड, स्थानीय दुकानदार, रेस्टोरेंट और ट्रैवल एजेंसियां सब इस संकट से प्रभावित हैं. एक स्थानीय होटल संचालक ने बताया, “पिछले साल हमने कोरोना के झटके से उबरना शुरू किया था. सोचा था कि इस साल अच्छी कमाई होगी, लेकिन अब फिर से सब बर्बाद होता दिख रहा है.”

सरकार ने हालात को संभालने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं. पहलगाम में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और पर्यटकों को भरोसा दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि क्षेत्र सुरक्षित है. इसके अलावा, पर्यटन विभाग जल्द ही एक प्रमोशनल अभियान शुरू करने जा रहा है, ताकि पर्यटकों का विश्वास बहाल किया जा सके.

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्दी हालात नहीं सुधरे, तो पहलगाम का पर्यटन उद्योग लंबे समय तक संकट में रह सकता है. कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पर्यटन न सिर्फ आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के जीवन का मुख्य आधार भी है. इसलिए इस सेक्टर को बचाने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे.
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